माइग्रेन क्या होता है? (What is Migraine?)
आयुर्वेद के
मुताबिक, डायट और
लाइफस्टाइल की वजह से वात, पित्त और कफ दोषों में बदलाव आने पर अलग-अलग तरह के लक्षणों
के साथ बीमारी का कारण बनते हैं। वात के कारण सिरदर्द होने पर
न्यूरोलॉजी से संबंधित समस्याएं बढ़ती है। तेज दर्द होने पर लंबे समय के बाद आराम
मिलता है। न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का सिर्फ दिमाग से ही नहीं गर्दन और कान से भी
होता है इसलिए ब्रेन की एमआरआई या सीटी स्कैन करवाने पर इसके असली कारण का पता
चलता है।
शायद आपको पता
नहीं कि माइग्रेन भी मुख्य तौर पर दो तरह के होते हैं। क्लासिक माइग्रेन की
स्थिति में बहुत सारे लक्षण ऐसे होते हैं, जो संकेत देते हैं कि आपको माइग्रेन का
दौरा पड़ने वाला है,
जैसे सिर दर्द की शुरुआत से पहले धुंधला दिखना, कुछ में कंधे में
जकड़न व जलन के लक्षण भी देखने को मिलते हैं। क्लासिक माइग्रेन की अवस्था में
रक्तवाहिनियां सिकुड़ने लगती है। ऐसे में डॉक्टर से तुरन्त सम्पर्क करना अच्छा
होता है। नॉन क्लासिक माइग्रेन में समय-समय पर सिर में तेज दर्द होता है, पर अन्य लक्षण
नजर नहीं आते। ऐसे में सिर दर्द की शुरुआत के साथ ही दर्द निवारक दवा लेना आराम
पहुंचाता है।
माइग्रेन के
लक्षण (Symptoms
of Migraine)
आमतौर पर हम सबको
कभी-न-कभी सिरदर्द की शिकायत होती है। ऐसे में कैसे पहचाना जाए कि यह साधारण
सिरदर्द है या माइग्रेन के कारण होने वाला सिरदर्द? माइग्रेन के कारण
होने वाले सिरदर्द की पहचान ‘ऑरा’ से होती है। ‘ऑरा’ दृष्टि संबंधी
परेशानी यानी विजुअल डिस्टर्बेंस हैं, जिसमें मरीज को रुक-रुककर चमकीली रोशनी, टेढ़ी-मेढ़ी
रेखाएं दिखाई देती हैं, आंखों के सामने काले धब्बे दिखाई देते हैं, स्किन में चुभन
होती है और कमजोरी महसूस होती है। आंखों के नीचे काले घेरे होना, गुस्सा, चिड़चिड़ापन सिर
के एक ही हिस्से में दर्द होना आदि लक्षण होते हैं।
माइग्रेन से बचाव
के उपाय (Prevention
Tips for Migraine)
माइग्रेन न हो या
बार-बार होने से बचने के लिए अपने जीवनशैली और आहार में कुछ बदलाव लाने पर होने के
खतरे को कुछ हद तक कम किया जा सकता है-
²तापमान में बदलाव से हमेशा बचे जैसे अगर
आप गर्मी में एयरकंडिशनर का इस्तेमाल करते
हैं तो एक दम ठण्डे से गर्म में न निकले और तेज गर्मी से आकर बहुत ज्यादा ठण्डा
पानी न पिये।
²अगर आप
गर्मी के मौसम में तेज धूप में बाहर निकल रहे हैं तो सूरज की सीधी रोशनी से बचे और
सनग्लासेस या छाते का इस्तेमाल करे।
²गर्मी के
मौसम में अधिक से अधिक ट्रेवल करने से बचे।
²रोजाना 8 से 10 ग्लास पानी जरूर
पिये वरना आपको डिहाइड्रेशन हो सकता है क्योंकि डिहाइड्रेशन माइग्रेन की समस्या का
सबसे बड़ा कारण होता है इसलिए अधिक से अधिक पानी पिये।
²उमस वाले
मौसम में ऐसी चीजें खाने से बचे जिसमें ज्यादा पसीना निकलता है जैसे-चाय, कॉफी आदि।
²ज्यादा
मिर्ची न खाए, ब्लड
प्रेशर मेंटेन रखे और गर्भनिरोधक गोलियां न खाए अगर गर्भनिरोधक गोलियां लेना ही है
तो कम डोज में ले।
²रोजाना
सुबह टहलने जाये, नंगे
पांव घास पर चले क्योंकि इससे तनाव कम होता है और अगर तनाव कम रहेगा तो हार्मोंस
भी बैलेंस में रहेगा जिससे माइग्रेन भी कम हो जाता है।
²रोजाना 30 मिनट तक योगासन
या प्राणायाम जरूर करें इससे आपको काफी फायदा मिलेगा, रोजाना 10 मिनट मेडिटेशन
करना भी हमारे लिए काफी फायदेमंद होता है।
²माइग्रेन
के मरीजों को खूब सारा तरल पदार्थ यानी सूप, नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ, लस्सी आदि पीना
चाहिए।
²फल और
हरी सब्जियां खूब खाएं।
²कम
मात्रा में नमक लें। दिन भर में आधा छोटा चम्मच नमक काफी है क्योंकि ज्यादातर फूड
आइटम्स में खुद ही नमक होता है।
²चाय, कॉफी और कोल्ड
ड्रिंक आदि लेने से बचें। इन्हें लेने से माइग्रेन बढ़ सकता है।
²एल्कोहल
और चॉकलेट के सेवन से भी बचें। इनसे भी सिरदर्द होता है।
²बेहद
तेल-मसाले वाला खाना और उपवास भी माइग्रेन की परेशानी बढ़ाते हैं इसलिए इससे बचें।
²व्यायाम
नींद को अच्छा करता है और माइग्रेन के सिरदर्द की आवृत्ति और तीव्रता को कम करता
है, माइग्रेन
पीड़ितों के लिए अन्दर रहकर साइकिल चलाना लाभकारी होता है। कार्डियोवैस्कुलर
व्यायाम स्थिर और ‘अटके’ होने के एहसास, जो माइग्रेन
पीड़ितों को आक्रमण के पहले होता है, को भंग करने हेतु उत्तम तरीका है।
English Translation
What is a
migraine?
According to
Ayurveda, due to diet and lifestyle, changes in vaat, pitta and cuff cause
illness with different symptoms. Neurology related problems increase when there
is a headache due to Vaat. There is relief after a long time in severe pain.
Neurological problems are not only from the brain but also from the neck and
ears, so an MRI or CT scan of the brain will reveal its true cause.
Perhaps you do
not know that migraines are also mainly of two types. In the case of a classic
migraine, there are a number of symptoms that indicate that you are having a
migraine attack, such as blurred vision before the onset of a headache; some
also have symptoms of shoulder stiffness and irritation. In the case of classic
migraine, the blood vessels begin to shrink. In such a situation it is good to
contact the doctor immediately. Non-classic migraines cause severe headaches
from time to time, but other symptoms are not seen. In such a situation, taking
painkillers along with the onset of headaches can bring relief.
Symptoms of
Migraine.
Usually we all
have occasional headaches. So how to identify whether it is a simple headache
or a migraine headache? Migraine headaches are identified by 'aura'. Aura is a
visual disturbance, in which the patient intermittently sees bright light,
crooked lines, dark spots in front of the eyes, prickles in the skin and
weakness. Dark circles under the eyes, anger, irritability, pain in one part of
the head, etc. are symptoms.
Prevention Tips
for Migraine.
To avoid
migraine or recurring, the risk of getting some changes in your lifestyle and
diet can be reduced to some extent -
-Always avoid
temperature changes like if you use an air conditioner in the summer, do not
get hot from cold and do not drink too much cold water due to high heat.
If you are
going out in the hot sun during the summer season, then avoid direct sunlight
and use sunglasses or umbrellas.
Avoid traveling
more and more during the summer season.
Drink 8 to 10
glasses of water, otherwise you may have dehydration because dehydration is the
biggest cause of migraine problem, so drink more water.
Avoid eating
such things which cause excessive sweating like tea, coffee etc. during this
humid weather.
Do not eat too
much chilli, keep blood pressure maintenance and do not eat birth control
pills, if you want to take birth control pills, then take it in low doses.
Rojana go for a
walk in the morning, walk on the barefoot grass because it reduces stress and
if the tension is low then the hormones will also remain in balance which also
reduces the migraine.
Do Rojana for
30 minutes, do Yogasan or Pranayam, you will get a lot of benefit from this,
doing 10 minutes daily meditation is also very beneficial for us.
Migraine
patients should drink plenty of fluids ie soup, lemonade, coconut water,
buttermilk, lassi etc.
Eat plenty of
fruits and green vegetables.
Take a small
amount of salt. Half a teaspoon of salt a day is enough because most food items
contain salt by themselves.
Avoid taking
tea, coffee and cold drinks etc. Taking them can increase migraine.
Avoid the
consumption of alcohol and chocolate. They also cause headaches.
Extreme
oil-spiced food and fasting also increase the problem of migraine, so avoid it.
Exercise
improves sleep and reduces the frequency and intensity of migraine headaches,
cycling is beneficial for migraine sufferers. Cardiovascular exercise is the
best way to dissolve the feeling of being stable and 'stuck', which occurs to
migraine sufferers prior to the attack.
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