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Wednesday 3 March 2021

Dr. Srikanth Jechkar


डॉ. श्रीकांत जिचकर

अद्भुत, अकल्पनीय, अविश्वसनीय किन्तु सत्य

आपसे कोई पूछे भारत के सबसे अधिक शिक्षित एवं विद्वान व्यक्ति का नाम बताइए

 जो,

² डॉक्टर भी रहा हो,

² बैरिस्टर भी रहा हो,

² IPS अधिकारी भी रहा हो,

² IAS अधिकारी भी रहा हो,

² विधायक, मंत्रीसांसद भी रहा हो,

² चित्रकार, फोटोग्राफर भी रहा हो,

² मोटिवेशनल स्पीकर भी रहा हो,

² पत्रकार भी रहा हो,

² कुलपति भी रहा हो,

² संस्कृत, गणित का विद्वान भी रहा हो,

² इतिहासकार भी रहा हो,

² समाजशास्त्रअर्थशास्त्र का भी ज्ञान रखता हो,

² जिसने काव्य रचना भी की हो !

 अधिकांश लोग यही कहेंगे -

"क्या ऐसा संभव है? आप एक व्यक्ति की बात कर रहे हैं या किसी संस्थान की ?"

पर भारतवर्ष में ऐसा एक व्यक्ति मात्र 49 वर्ष की अल्पायु में भयंकर सड़क हादसे का शिकार हो कर  इस संसार से विदा भी ले चुका है! उस व्यक्ति का नाम है-

"डॉ. श्रीकांत जिचकर "

श्रीकांत जिचकर का जन्म 1954 में एक संपन्न मराठा कृषक परिवार में हुआ था ! वह भारत के सर्वाधिक पढ़े-लिखे व्यक्ति थे, जो गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है! डॉ. श्रीकांत ने 20 से अधिक डिग्री हासिल की थीं !

कुछ रेगुलर व कुछ पत्राचार के माध्यम से !

वह भी फर्स्ट क्लासगोल्डमेडलिस्ट, कुछ डिग्रियां तो उच्च शिक्षा में नियम ना होने के कारण उन्हें नहीं मिल पाई, जबकि इम्तिहान उन्होंने दे दिया था !

उनकी डिग्रियां/ शैक्षणिक योग्यता इस प्रकार थीं

²MBBS, MD gold medalist,

²LLB, LLM,

²MBA,

²Bachelor in journalism,

²संस्कृत में डी. लिट.  की उपाधि, यूनिवर्सिटी टॉपर ,

²M. A इंग्लिश,

²M.A हिंदी,

²M.A हिस्ट्री,

 ²M.A  साइकोलॉजी,

²M.A  सोशियोलॉजी,

²M.A पॉलिटिकल साइंस,

²M.A  आर्कियोलॉजी,

²M.A एंथ्रोपोलॉजी,

²श्रीकान्तजी 1978 बैच के आईपीएस व 1980 बैच के आईएएस  

        अधिकारी भी रहे !

²1981 में महाराष्ट्र में विधायक बने,

²1992 से लेकर 1998 तक राज्यसभा सांसद रहे!

श्रीकांत जिचकर ने वर्ष 1973 से लेकर 1990 तक का समय यूनिवर्सिटी के इम्तिहान देने में गुजारा !

1980 में आईएएस की केवल 4 महीने की नौकरी कर इस्तीफा दे दिया!     

26 वर्ष की उम्र में देश के सबसे कम उम्र के विधायक बने, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री भी बने,

14 पोर्टफोलियो हासिल कर सबसे प्रभावशाली मंत्री रहे !

महाराष्ट्र में पुलिस सुधार किये !

1992 से लेकर 1998 तक बतौर राज्यसभा सांसद संसद की बहुत सी समितियों के सदस्य रहे, वहाँ भी महत्वपूर्ण कार्य किये !

1999 में कैंसर लास्ट स्टेज का डायग्नोज हुआ, डॉक्टर ने कहा आपके पास केवल एक महीना है !

अस्पताल पर मृत्यु शैया पर पड़े हुए थे लेकिन आध्यात्मिक विचारों के धनी श्रीकांत जिचकर ने आस नहीं छोड़ी ।

उसी दौरान कोई सन्यासी अस्पताल में आया। उसने उन्हें ढांढस बंधाया ।

संस्कृत भाषा, शास्त्रों का अध्ययन करने के लिए प्रेरित किया । कहा- "तुम अभी नहीं मर सकते...अभी तुम्हें बहुत काम करना है...!"

चमत्कारिक तौर से श्रीकांत जिचकर पूर्ण स्वस्थ हो गए...!

स्वस्थ होते ही राजनीति से सन्यास लेकर...संस्कृत में डी.लिट. की उपाधि अर्जित की !

वे कहा करते थे - "संस्कृत भाषा के अध्ययन के बाद मेरा जीवन ही परिवर्तित हो गया है ! मेरी ज्ञान पिपासा अब पूर्ण हुई है !"

पुणे में संदीपनी स्कूल की स्थापना की,

नागपुर में कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना की, जिसके पहले कुलपति भी वे बने !

उनका पुस्तकालय किसी व्यक्ति का निजी सबसे बड़ा पुस्तकालय था, जिसमें 52000 के लगभग पुस्तकें थीं !

उनका एक ही सपना बन गया था, भारत के प्रत्येक घर में कम से कम एक  संस्कृत भाषा का विद्वान हो तथा कोई भी परिवार मधुमेह जैसी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों का शिकार ना हो !

यूट्यूब पर उनके केवल 3 ही मोटिवेशनल हेल्थ फिटनेस संबंधित वीडियो उपलब्ध हैं !

ऐसे असाधारण प्रतिभा के लोग, आयु के मामले में निर्धन ही देखे गए हैं ।

अति मेधावी, अति प्रतिभाशाली व्यक्तियों का जीवन ज्यादा लंबा नहीं होता ।

शंकराचार्य, महर्षि दयानंद सरस्वती, विवेकानंद  भी अधिक उम्र नहीं जी पाए थे !

2 जून 2004 को नागपुर से 60 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र में ही भयंकर सड़क हादसे में श्रीकांत जिचकरजी का निधन हो गया!

संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार व  Holistic health को लेकर उनका कार्य अधूरा ही रह गया !

2 जून को डॉ. श्रीकांत की 16 वीं पुण्य तिथि थी। विभिन्न व्यक्तियों के जन्म दिवस को उत्सव की तरह मनाने वाले हमारे देश में ऐसे गुणी व्यक्ति को कोई जानता भी नहीं है, जिसके जीवन से कितने ही युवाओं को प्रेरणा मिल सकती है।

ऐसे शिक्षकज्ञानी, उत्साही व्यक्तित्वचिकित्सक, विधि  विशेषज्ञ, प्रशासक व राजनेता के मिश्रित व्यक्तित्व को शत शत नमन...

English Translation 

Amazing, unimaginable, unbelievable but true someone asks you the name of the most educated and educated person in India. He has been a doctor, a barrister, an IPS officer, an IAS officer, an MLA, a minister, an MP, a painter, a photographer, "You have been an inspirational speaker, you have been a journalist, you have been a vice-chancellor, you have been a scholar of Sanskrit mathematics, you have been a historian, you have been a sociologist, you have been a sociologist." Poetry is also what most people used to say - "Is it possible? Are you talking about an individual or an institution?" But in India, one such person, who suffered a horrific road accident at the young age of 49, has passed away! This person's name is. "Dr. Srikanth Jechkar" Srikanth Jechkar was born in 1954 into a thriving Maratha farming family! He was the most literate man in India, listed in the Guinness Book of Records! Dr. Srikanth had more than 20 degrees! Some through regular and some through correspondence! He was also a first class, gold medalist, some degree, he could not get it due to lack of rules in higher education, while he had taken the exam! His degree / academic qualifications were MBBS, MD Gold Medalist, LLLB, LLM, BA MBA, Achiller Bachelor in Journalism, D. Lot in Sanskrit. Degree, University Top, .M an English, .MA Hindi, .MA History, .MA Psychology, .MA Sociology, AM.A Political Science, .MA Archeology, .MA Anthropology, IPS of 1978 Batch and He was also a 1980 batch IAS officer! Became MLA in Maharashtra in 1981, Member of Rajya Sabha from 1991 to 1998! Shrikant Jechkar spent the period from 1973 to 1990 in giving university exams! In 1980, IAS resigned after only 4 months of work! At the age of 26, he became the youngest MLA in the country, also became a minister in the Maharashtra government, he was the most influential minister with 14 departments! Police Reforms in Maharashtra from 1992 to 1998, as a Member of Parliament for the Rajya Sabha, he was a member of many committees of Parliament and did important work there too! The last stage of cancer was diagnosed in 1999, the doctor said, "You only have one month!" Shea was dying in the hospital, but spiritual man Sriyant Jichkar did not give up. At that moment, a monk came to the hospital. He tied them up. Sanskrit is a movement for the study of scriptures. Said- "You can't die right now ... you still have a lot of work to do ...!" Miraculously, the full recovery of the sharecropper...! Retire from politics as soon as you are healthy; de lit in Sanskrit. Honored! He used to say - "After studying Sanskrit, my life has changed! Now my knowledge is complete!" He established Sandipani School in Pune; he founded Kalidas Sanskrit University in Nagpur, before that he also became the Vice Chancellor! His library was the largest private library of any person, with about 52 52000 books! His only dream was that every household in India should have at least one Sanskrit language scholar and no family should suffer from lifestyle related diseases like diabetes! Only 3 videos related to his Stimulus Health are available on YouTube! Such extraordinarily skilled people are seen as poor in terms of age. The lives of very talented, very capable people do not last long. Shankaracharya, Maharshi Dayanand Saraswati, Vivekananda did not live long! Sri Kant Jichkarji died on June 2, 2004 in a horrific road accident in Maharashtra, 60 km from Nagpur! His work on Sanskrit language promotion and health was incomplete! June 2 was Dr. Srikanth's 16th birthday. In our country, celebrating different people's birthdays like a celebration, no one knows a good man whose life can affect many young people. Greetings to the mixed personality of such a teacher, conscious, passionate personality, doctor, legal expert, administrator and politician.


 

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