हम संतुष्ट क्यों नहीं हैं?
हम संतुष्ट क्यों नहीं हैं? क्योंकि मनुष्य स्वयं के
प्रति ईमानदार नहीं है। वह जो करता है वह दूसरों को दिखाने के लिए करता है। मनुष्य
दुनिया को प्रसन्न करणे के लिए वह खुद को नजरअंदाज करता है। हम बात करते हैं, हम कपड़े पहनते हैं, हम खाते हैं, हम जीते हैं, हम सभी लोगों के मानकों के
अनुसार जीते हैं, इसलिए सोचते हैं, हम कहां हैं? ? हमारी खुशी कहाँ है? हम खुद के लिए कितने
महत्वपूर्ण हैं? जिस दिन हम खुद के लिए
महत्वपूर्ण हो जाएंगे, उस दिन हम संतुष्ट होजाये
होंगे। हमारे लिए खुद के साथ ईमानदार होना अजीब लगता है, लेकिन मेरा मानना है कि
जो व्यक्ति खुद के साथ ईमानदार नहीं है, वह किसी के भी साथ ईमानदार
नहीं है।
English Translation...
Why aren't we satisfied? Because man is not
sincere to himself. What he does is to show others. Man pleases the world. He
ignores himself. ? Where is our happiness? How important are we to ourselves?
The day we become important to ourselves, the day we will be satisfied. It
seems strange for me to be sincere with myself, but I believe that a person who
is not sincere with himself is not sincere with anyone.
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